नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत मिलने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथ की तैयारियों के बीच इंडिया गठबंधन ने सरकार बनाने की अभी उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को एक तरफ यह कह दिया कि सरकारें बनती हैं तो गिरती भी हैं तो दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार के अहम किरदार होने जा रहे चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार पर डोरे भी डालने की कोशिश की। कहा कि भाजपा का साथ नामसमझी है। इतिहास ने मौका दिया है तो चूकना नहीं चाहिए।साम्प्रदायिक राजनीति के चंगुल से मुक्त करने के अभियान में जनता का साथ देना चाहिए।

केंद्र में बनने जा रही तीसरी बार शपथ की तैयारी कर रही एनडीए की सरकार में शामिल सबसे बड़ी पार्टी भाजपा दस साल में पहली बार अकेले बहुमत से दूर रह गई है। 2014 और 2019 में भाजपा के पास क्रमशः 282 ओर 303 सीटें थीं। बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों की तुलना में इस बार भाजपा को केवल 240 सीटें ही मिली हैं। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को मिलीं 16 सीटें और नीतीश की जदयू को मिलीं 12 सीटें अहम हो जाती हैं। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि हमारी एकता ही हमारी शक्ति है और देश की जनता की नई उम्मीद भी! जनता ने भाजपा को बहुमत न देकर नैतिक रूप से हरा दिया है, भाजपा को जो सीट मिली भी हैं वो जनता ने नहीं बल्कि उनके झूठे तंत्र और इंडिया गठबंधन के विरूद्ध षड्यंत्र और साजिश करने वालों के बल पर मिली हैं।

 बिना नायडू या नीतीश का नाम लिए अखिलेश ने आगे लिखा कि आज जो भाजपा के साथ जाकर नासमझी दिखा रहे हैं, वो भी भाजपा के इतिहास को समझते हुए भविष्य में अपनी पार्टी के टूटने की आशंका से ग्रस्त हैं। उन्हें भी जनता के सच्चे जनादेश का सम्मान करना चाहिए और देश को साम्प्रदायिक राजनीति के चंगुल से मुक्त करने के अभियान में जनता का साथ देना चाहिए। अखिलेश ने यह भी कहा कि उनके बीच जो अविश्वास है, उसकी नींव पर कोई भी सरकार मुकम्मल नहीं हो सकती है। देश, संविधान और लोकतंत्र बचाने का ऐसा ऐतिहासिक अवसर इतिहास हमेशा नहीं देता है। जो इसमें चूक जाएगा, वो इतिहास निर्माता के रूप में अपनी भूमिका को दर्ज कराने से चूक जाएगा।

इससे पहले अखिलेश ने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि अगर सवाल सरकार बनने का और न बनने का है तो सरकारें बना करती हैं और सरकारें गिरा करती हैं। कहा कि सरकार के पास बहुमत न हो तो बहुत लोगों को खुश कर बनाई जाती है। मुझे लगता है जो खुश करने के लिए कदम चल रहे हैं, खुश करने के लिए फैसले हो रहे हैं, सब गिनती का सवाल होता है। कोई और खुश कर देते हैं तो लोग उधर चले जाते हैं। मुझे खुशी है जनता ने जो फैसला लिया है उससे संविधान, आरक्षण और लोकतंत्र मजबूत होगा।