गुवाहाटी
पूर्वोत्तर भारतीय राज्य असम में बाढ़ का कहर बरप रहा है। कई जिले जलमग्न हो गए हैं। अब तक बहुत-से लोगों की जान जा चुकी है। पिछले 24 घंटे में यहां दस और लोगों की मौत हो गई, जबकि सिलचर शहर लगातार पांचवें दिन जलमग्न रहा। हजारों लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। अब तक लाखों लोगों को अपने घर-बाड़े से हाथ धोना पड़ा है। सरकारी आंकड़ों में कुल हताहतों की संख्या 117 बताई जा रही है। इन 117 में से 100 लोग बाढ़ की चपेट में आने से और 17 भूस्खलन की वजह से मारे गए।
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि उसने गंभीर रूप से प्रभावित जिलों, विशेष रूप से कछार और बराक घाटी के दो अन्य जिलों में अतिरिक्त संसाधन लगाए हैं। असम राज्य प्रबंधन आपदा प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को 30 जिलों में 45.34 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी।कछार जिले के सिलचर में बाढ़ बाढ़ मानचित्रण के साथ-साथ दुर्गम क्षेत्रों में राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए दो ड्रोन तैनात किए गए हैं।
बेसहारा हुए लोगों की मदद के लिए आज गुवाहाटी और जोरहाट से सिलचर के लिए पैकेज्ड पेयजल, चावल आदि सहित 85.2 मीट्रिक टन जीआर वस्तुओं को हेलिकॉप्टर इत्यादि से भेजा गया। उधर, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन कर्मियों, पुलिस बल और आपडा मित्र के स्वयंसेवकों के साथ बचाव अभियान और राहत वितरण में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं। बाढ़ से जूझता असम: 27 जिलों में 6 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, हजारों का पलायन, सेना ने शुरू किया राहत अभियान मालूम हो कि, हर साल असम में बाढ़-भूस्खलन की घटनाएं सामने आती हैं और हजारों लोगों की जान चली जाती है।
यहां की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र है, जिसकी सहायक नदियों में अपार जल भरा होता है। ऐसी आफत बारिश के सीजन में ज्यादा आती है। विगत मई के महीने में भी असम के 27 जिलों में 6 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। तब बचाव कार्य में सेना लगानी पड़ी थी। असम राज्य प्रबंधन आपदा प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों का कहना है कि, असम में मौजूदा प्री-मानसून बाढ़ और भूस्खलन असमवासियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। विपदा में फंसे लोगों के लिए राज्य सरकार ने खाद्य एवं अन्य जरूरी मदद मुहैया कराने का भी ऐलान किया है।