नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में शुक्रवार को यहां एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया। अदालत ने 24 मई को पुलिस को जांच पूरी करने के लिए 13 दिन का अतिरिक्त समय दिया था। पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में 900 पन्नों से अधिक का आरोपपत्र दायर किया है। मामले की सुनवाई कर रही एडिशनल सेशन जज हरदीप कौर ने पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस को जांच पूरी करने के लिए अंतिम मौका दिया था। पुलिस ने अदालत को बताया था कि कुछ रिपोर्ट आनी बाकी थी और बड़ी मात्रा में डिजिटल डाटा एकत्र किया गया है।

आरोपपत्र में छह आरोपियों नीलम आजाद, मनोरंजन डी., सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे और महेश कुमावत के नाम हैं। सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
मनोरंजन डी. और शर्मा ने 13 दिसंबर को संसद पर हुए 2001 के आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन लोकसभा की दर्शक दीर्घा से वेल में कूदकर वहां पीले धुएं का कैनिस्टर फोड़ा था। हालांकि बाद में सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था।

आजाद और शिंदे ने संसद भवन परिसर के बाहर धुएं के कैनिस्टर फोड़े थे। झा को पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड बताया गया है। कहा गया था कि वह संसद के अंदर और बाहर कैनिस्टर फोड़े जाने के बाद अन्य चारों आरोपियों के मोबाइल फोन लेकर फरार हो गया था। कुमावत के भी आरोपियों से संबंध सामने आये थे।

हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने सभी छह आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। राजनिवास के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। उपराज्यपाल ने पर्याप्त सबूतों को देखते हुए अनुमति दे दी थी।

दिल्ली पुलिस ने 14 दिसंबर 2023 को लोकसभा के सुरक्षा अधिकारी की शिकायत पर आईपीसी की धारा 186, 353, 452, 153, 34 और 120बी तथा यूएपीए की धारा 13, 16 और 18 के तहत संसद मार्ग थाने में मामला दर्ज किया था। बाद में मामले की जांच संसद मार्ग थाना से स्पेशल सेल की आतंकवाद निरोधक इकाई को हस्तांतरित कर दी गई थी।