लखनऊ
 लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद आज मंगलवार को होने वाली मतगणना के लिए उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 81 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं और वोटों की गिनती के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा के अनुसार, मंगलवार को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हुई । उत्तर प्रदेश में कुल 851 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 771 पुरुष और 80 महिलाएं हैं। इनमें सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार घोसी लोकसभा क्षेत्र में और सबसे कम चार उम्मीदवार कैसरगंज में हैं।

रिनवा ने बताया कि राज्य के 75 जिलों में 81 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य का कुल मतदान प्रतिशत 56.92 प्रतिशत रहा, जो 2019 के 59.11 प्रतिशत के आंकड़े से 2.19 प्रतिशत कम है।

चुनावी नतीजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक भविष्य का निर्धारण करेंगे, जो प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से ‘हैट्रिक’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, स्मृति ईरानी, अनुप्रिया पटेल और अन्य नेताओं के भाग्य का फैसला भी चार जून को मतगणना के दौरान होगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी प्रदेश की रायबरेली सीट से उम्मीदवार हैं।

वह निवर्तमान लोकसभा में केरल के वायनाड से सांसद हैं और इस चुनाव में उन्होंने वायनाड और रायबरेली दोनों जगह से किस्मत आजमाई है।

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार के पांच सदस्य भी मैदान में हैं जिनकी किस्मत का फैसला कल ईवीएम खुलने के बाद होगा। इनमें स्वयं अखिलेश यादव (कन्नौज से), उनकी पत्नी और मौजूदा सांसद डिंपल यादव (मैनपुरी से), धर्मेंद्र यादव (आजमगढ़ से), अक्षय यादव (फिरोजाबाद से) और आदित्य यादव (बदायूं से) हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में सफलता हासिल की थी। हालांकि, इस बार राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। बसपा ने इस बार अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय में प्रभाव रखने वाली रालोद इस बार भाजपा के साथ खड़ी है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इस बार गठबंधन में हैं, जिसमें कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है।

भाजपा ने अपने मौजूदा सहयोगियों — अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के साथ-साथ नए सहयोगियों — राष्ट्रीय लोक दल और ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली एसबीएसपी (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा है।

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि भाजपा ने राज्य की 80 लोकसभा सीट में से 75 पर चुनाव लड़ा, जबकि गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (सुरक्षित) सीट, सुभासपा ने घोसी और रालोद ने बिजनौर और बागपत से चुनाव लड़ा।

‘इंडिया’ गठबंधन में समाजवादी पार्टी ने राज्य की 62 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने 17 संसदीय क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे। तृणमूल कांग्रेस का एक उम्मीदवार भी ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा मैदान में उतारा गया था।’

मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में अकेले ही किस्मत आजमाई और राज्य की सभी 80 लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे।

सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न संसदीय क्षेत्रों में चुनावी रैलियां और रोड शो किए। इसी तरह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी राज्य में ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया और रोड शो किए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।

CCTV की निगरानी में होगी मतगणना

ये व्यवस्था तय की गई है कि मतगणना विधान सभा क्षेत्रवार होगी. इसके बाद लोकसभा क्षेत्र  के सभी विधान सभा क्षेत्रों के परिणाम का योग कर लोकसभा क्षेत्र का परिणाम घोषित किया जाएगा. गाजियाबाद लोक सभा क्षेत्र में समाविष्ट साहिबाबाद विधान सभा क्षेत्र में मतदेय स्थल (1127) अधिक होने के कारण सबसे ज़्यादा 41 राउंड में मतगणना संपन्न होगी.

भारत निर्वाचन आयोग ने मतगणना के लिए 179 प्रेक्षक( observers) तैनात किए हैं. 15 प्रेक्षकों को 1-1 विधान सभा क्षेत्र, 104 प्रेक्षकों को 2-2 विधान सभा क्षेत्र तथा 60 को 3-3 विधान सभा क्षेत्र आवंटित किए गए हैं. 80 लोक सभा क्षेत्रों की मतगणना में 80 रिटर्निंग ऑफिसर और 1581 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गई है.

लोकसभा के चुनाव के साथ कई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए हैं. ददरौल, लखनऊ पूर्व, गैंसड़ी तथा दुद्धी विधानसभा  की मतगणना के लिए 4 रिटर्निग ऑफिसर और 26 सहायक रिटर्निंग ऑफिसर तैनात किए गए हैं. मतगणना  और सीलिंग की कार्यवाही CCTV की निगरानी में होगी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना एजेंट के बारे में  जानकारी देते हुए  बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को काउंटिंग एजेंट बनाया जा सकता है. केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रिपरिषद के सदस्यों, सांसदों, विधायकों, मेयर, नगर पालिका परिषद / नगर पंचायत के अध्यक्ष को काउंटिंग एजेंट बनाए जाने पर प्रतिबंध है. केंद्र /राज्य सरकार से सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को काउंटिंग एजेंट बनाए जाने पर भी प्रतिबंध है. हालांकि,निर्वाचन क्षेत्र के निवासी ग्राम प्रधान, सरपंच, पंचायत सदस्यों, सभासद आदि को काउंटिंग एजेंट बनाए जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. अप्रवासी भारतीय को भी काउंटिंग एजेंट बनाया जा सकता है.

सभी लोक सभा क्षेत्रों में पोस्टल बैलेट की गणना के लिए अतिरिक्त कक्ष का अनुमोदन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदान किया गया है. पोस्टल बैलेट की गणना के लिए होम वोटिंग एवं वोटर फैसिलिटेशन सेंटर पर प्राप्त पोस्टल बैलेट मतों की गणना प्रातः 8 बजे प्रारंभ होगी तथा सर्विस वोटर से प्राप्त ईटीपीबीएस की स्कैनिंग भी प्रातः 8.00 बजे से प्रारंभ की जाएगी. स्कैनिंग के बाद ईटीपीबीएस मतों की गणना टेबल पर की जाएगी. ईटीपीबीएस की स्कैनिंग/प्री काउंटिंग के लिए 871 टेबल एवं पोस्टल बैलेट की मतों की गणना 794 टेबल पर की जाएगी.

गर्मी से बचाव के लिए होंगे जरूरी इंतजाम

प्रत्याशी, उनके एजेंट, मतगणना कार्मिकों और अन्य कर्मचारियों के लिए साफ और ठंडे पानी की व्यवस्था होगी. सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि हीटवेव और भीषण गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस/मेडिकल किट और मेडिकल टीम भी मतगणना स्थल पर उपलब्ध रहे. बैठने के स्थान पर पंखे, कूलर और मिस्ट फैन की भी व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

मतगणना परिसर में मीडिया सेंटर स्थापित किया जा रहा है. सूचना विभाग से 1 अधिकारी मीडिया सेंटर का प्रभारी रहेगा. आरओ द्वारा नियुक्त अधिकारी समय-समय पर छोटे समूहों में मीडिया बंधुओं को कुछ समय के लिए मतगणना हाल का भ्रमण भी कराएंगे. मतगणना हाल के भीतर भारत निर्वाचन आयोग से जारी मीडिया पास धारक मीडिया बंधु को ही कैमरा (बिना स्टैंड) ले जाने की अनुमति होगी. केवल मीडिया सेंटर पर ही मीडिया बंधुओं द्वारा मोबाइल फोन, कैमरे का प्रयोग किया जा सकेगा.

मतगणना हॉल की व्यवस्था

मतगणना हॉल में एक ब्लैक बोर्ड/व्हाइट बोर्ड की व्यवस्था की जाएगी जिसमें प्रत्याशियों के नाम व राउंडवार परिणाम लिखा जाएगा ताकि सभी मतगणना एजेंट उसे देख सकें. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र एवं लोकसभा क्षेत्र में पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है. सबसे पहले प्रत्येक टेबल पर काउंटिंग एजेंट के बैठने की व्यवस्था रहेगी. सबसे आगे मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दल, उसके बाद रजिस्ट्रीकृत अमान्यता प्राप्त दल तथा उसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी के एजेंट बैठेंगे.

टेबल पर कंट्रोल यूनिट (सीयू) आने के बाद मतगणना पर्यवेक्षक द्वारा सीयू का नम्बर दिखाया जाएगा, जिससे स्पष्ट होगा कि यह सीयू उसी बूथ से संबंधित है. सीयू के साथ 17सी भाग-1 में उल्लिखित मतों को एजेंटों को बताया जाएगा. इसके बाद सीयू को ऑन कर प्रत्याशीवार मतगणना परिणाम 17सी भाग-2 पर अंकित किया जाएगा. किसी एजेंट द्वारा पुनः परिणाम दिखाए जाने के अनुरोध पर मतगणना पर्यवेक्षक द्वारा पुनः परिणाम दिखाया जाएगा. 17सी भाग-2 पर मतगणना पर्यवेक्षक एवं काउंटिंग एजेंट के हस्ताक्षर के बाद एक प्रति फीडिंग के लिए जाएगी तथा दूसरी प्रति काउंटिंग एजेंट को प्राप्त कराई जाएगी. सभी राउंड की शीट की एक प्रति राउंड की घोषणा के बाद एआरओ टेबल के एजेंट को भी दी जाएगी.

यदि किसी बूथ से संबंधित सीयू की डिस्प्ले न दिखने से सीयू से परिणाम नहीं निकलता है तो ऐसे में समस्त ईवीएम की मतगणना के बाद उस बूथ के वीवीपैट स्लिप की गणना की जाएगी. यदि किसी कारण से किसी बूथ की सीयू से मॉक पोल के मतों को नहीं हटाया गया है तो सीयू से मतगणना नहीं की जाएगी तथा वह मशीन आरओ की अभिरक्षा में जाएगी.

यदि पूरी मतगणना के बाद हार-जीत का अंतर बूथ पर पड़े मतों से अधिक है तो ऐसे में उस बूथ की गणना न कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. यदि अंतर उस बूथ पर पड़े मतों से कम है तो मॉक पोल सर्टिफिकेट में उल्लिखित मॉक मतों को प्रत्याशीवार हटाकर वीवीपैट की स्लिप से मतगणना की जाएगी तथा इसी आधार पर मतगणना परिणाम घोषित किया जाएगा.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली में एक चुनावी सभा को संबोधित किया।

भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 62 सीटें जीती थीं और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने दो सीट जीतीं। कांग्रेस ने एकमात्र रायबरेली सीट पर जीत हासिल की थी जहां से सोनिया गांधी निर्वाचित हुईं।

पिछले लोकसभा चुनाव में तत्कालीन विपक्षी गठबंधन में सबसे ज्यादा लाभ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 10 सीट पर मिला। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने पांच सीट जीतीं थीं और राष्ट्रीय लोकदल चुनाव अपना खाता भी नहीं खोल पायी थी।

2019 और 2024 में हुए सातों फेज के वोटर टर्नआउट की तुलना
लोकसभा चुनाव 2019 में भी सात चरण में चुनाव हुए थे, लेकिन 2024 के 7 में से 5 चरणों में पिछली बार की तुलना में वोटिंग 4% तक घटी है। जिन 2 चरणों में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है, वहां 1% से कम का अंतर है।