जगदलपुर

कमिश्नर श्री श्याम धावड़े ने गुरुवार को कोंड़ागाँव के ग्राम कोकोड़ी में निमार्णाधीन मां दन्तेश्वरी मक्का प्रसंस्करण सहकारी समिति द्वारा संचालित इथेनॉल संयत्र निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों को सभी तकनीकी मापदण्डों का परिपालन करने सहित गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए प्लांट निर्माण कार्य को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति का भी अवलोकन किया और कार्य की प्रगति पर संतुष्टि जाहिर की।

कमिश्नर श्री धावड़े ने कहा कि प्रदेश का सबसे बड़ा इथेनॉल प्लांट कोंडागाँव जिले में स्थापित हो रहा है। जिसमें पूरे बस्तर संभाग के मक्के का उपयोग होगा। जिससे लगभग 60 से 70 हजार किसानों को सीधे फायदा मिलेगा। साथ ही इस इथेनॉल प्लांट में इलाके के कई लोगों को रोजगार मिलेगा। इस प्लांट निर्माण के लिए संभाग के किसानों और ग्रामीणों में हर्ष व्याप्त है। इसे ध्यान में रखते हुए इथेनॉल प्लांट को अगस्त 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रहे कार्यों की गति को बढ़ाने के निर्देश देते हुए जिला प्रशासन के अधिकारी हर दस दिनों प्लांट का नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि इथेनॉल प्लांट निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति सहित पर्यावरणीय, सतही एवं भूगर्भीय जल प्रयोग की अनुमति मिल गयी है। प्लांट में उपयोग के लिए पानी की आवश्यकता के अनुसार बोर खनन और बल्लारी नाला से स्टापडेम बनाकर  पानी की पूर्ति की कार्ययोजना की जानकारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रेमप्रकाश शर्मा ने दिया।

उन्होंने बताया कि प्लांट में होने वाला पानी बाहर नहीं जाएगा और पूरे पानी का उपयोग सयंत्र में किया जायेगा। कमिश्नर ने प्लांट के समीप मक्का लाने वाले वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था के लिए जमीन का चिन्हांकन के निर्देश दिए। प्लांट की प्रगति के लिए कलेक्टर श्री दीपक सोनी द्वारा प्रत्येक समय-सीमा की बैठक में समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर श्री सोनी ने निर्माण  कार्यों को प्रगति देने के लिए सीईओ जिला पंचायत को नोडल अधिकारी बनाया है। इस मौके पर एसडीएम श्री चित्रकांत ठाकुर,डिप्टी कमिश्नर माधुरी सोम, वरिष्ठ निज सहायक श्री हरेंद्र जोशी, इथेनॉल प्लांट के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री केएल उईके सहित प्लांट निर्माण से जुड़े ईपीसी मौज इंजीनियरिंग, प्लांट मैनेजिंग कन्सलटेंसी, च्वाइस कन्सलटेंसी के प्रतिनिधी मौजूद थे।

ज्ञात हो कि इथेनॉल प्लांट निर्माण हेतु शासन द्वारा 140.67 करोड़ रुपए से निर्माण हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्रालयों द्वारा पर्यावरण, सतही एवं भूगर्भीय जल प्रयोग हेतु अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसके साथ ही सभी निमार्ता एजेंसियों द्वारा स्टॉफ भर्ती का कार्य भी पूर्ण करते हुए सभी आवश्यक शासकीय अनुमतियां प्राप्त कर ली गई है। इस अवसर पर अधिकारियों को आगामी अगस्त माह  से प्लांट को शुरू करने के लक्ष्य साथ मक्के की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिले के किसानों को अगले वर्ष मक्का उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करने एवं इसके भण्डारण की व्यवस्था हेतु निर्देश देते हुए नागरिक आपूर्ति निगम के भण्डारों में पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने को कहा।