कटक
ओडिशा सीएम नवीन पटनायक इस हफ्ते विदेशी दौरे जा रहे हैं। यह उनके 22 साल के कार्यकाल में दूसरी बार है जब वह किसी विदेशी दौरे पर जा रहे हैं। उनके इस दौरे की राजनीतिक गलियारों में चर्चा काफी गर्म है। इसका पीछे का बड़ा कारण पिछले विदेश दौरे के दौरान पार्टी में हुई टूट।
2012 में जब पटनायक पहली बार सीएम रहते हुए विदेशी दौरे पर लंदन गए थे, तो उनकी पार्टी में बगावत हो गई थी। उनके काफी करीबी माने जाने वाले प्यारीमोहन महापात्रा ने पार्टी के कुछ अन्य विधायकों के साथ मिलकर एक पटनायक के खिलाफ बगावत शुरू कर दी थी।
बगावत के बाद उन्होंने किसी तरह से अपनी पार्टियों के विधायकों से बातचीत कर स्थिति को संभाला था और फोन के जरिए ही नेताओं से बातचीत कर उन्हें समझाया और अपने साथ मिलाया था। हालांकि इस बार ऐसा कुछ होने की संभावना कम है।
सूत्रों ने उनकी यात्रा के बारे में बताया कि सबसे वह इटली के रोम जाएगे और वहां जाकर पोप के मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे पश्चिमी एशिया में आयोजित होने वाली बिजनेस समिट में जाएंगे।
पटनायक राजनीति के एक मंजे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। उन्होंने लंबे समय से मल्टी पार्टी एप्रोच अपनाए हुए हैं। इस मतलब यह है कि वह स्थानीय स्तर पर तो भाजपा का जमकर विरोध करते हैं, लेकिन केंद्र में वह कई बार भाजपा सरकार का समर्थन करते रहे हैं। बता दें, केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री पटनायक को रोम जाने और पोप से मिलने की अनुमति दे दी जबकि हाल ही में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी ऐसी ही अनुमति केंद्र से मांगी थी लेकिन उन्हें मना कर दिया गया।