भोपाल

सड़क सुरक्षा पर तीन दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय विजन जीरो शिखर सम्मेलन में विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, शोधकर्ता और हितधारकों ने सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों और "शून्य सड़क दुर्घटना वाला भविष्य'' विषय पर रणनीति के संबंध में मंथन किया। भोपाल के कोर्टयार्ड मेरियट में 29 से 31 मई तक सम्मेलन हुआ।

सम्मेलन के अंतिम दिन "लोगों के लिए डिजाइनिंग स्ट्रीट्स" विषय पर चर्चा हुई। सत्र का संचालन डॉ. राहुल तिवारी ने किया, जिसमें वक्ताओं ने विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि साझा की। एसपीए भोपाल की डॉ. क्षमा पुंतांबेकर ने "रहने योग्य सड़कों" की अवधारणा पर प्रकाश डाला और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए "सड़क पर नजर" रखने के महत्व पर जोर दिया। सीआरआरआई दिल्ली के डॉ. मनोरंजन परिदा ने सुरक्षित और कुशल शहरी परिवहन को बढ़ावा देने के लिए आईआरसी मानकों और सड़क डिजाइन सिद्धांतों पर चर्चा की। एम्स भोपाल के डॉ. मनोज नागर ने "गोल्डन ऑवर" के महत्व, जीवन बचाने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव को कम करने में पहली प्रतिक्रिया की उपलब्धता पर बल दिया।

सम्मेलन में पैनल चर्चा में एडीजीपी एमपी जी. जनार्दन, सीआरआरआई नई दिल्ली के डॉ. मनोरंजन परिदा, सेव लाइफ फाउंडेशन मुंबई से डॉ. रोशन जोस, डॉ. अलका भारत और मैनिट से डॉ. योगेश गर्ग सहित प्रमुख वक्ता शामिल हुए। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी नवाचार की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हुआ। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों ने सार्थक बातचीत, साझा ज्ञान और सड़क सुरक्षा के लिए कार्रवाई योग्य समाधान प्रस्तावित किए।

समापन समारोह में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, मैनिट के निदेशक डॉ. के.के. शुक्ला, परिवहन आयुक्त एस.के. झा, मैनिट में वास्तुकला और योजना विभाग के प्रमुख जगदीश सिंह और सम्मेलन सचिव डॉ. राहुल तिवारी शामिल हुए।